बजाय इसके, वो अपने माता-पिता को कहती थी कि वे ढंग से बात करें क्योंकि वह बड़ी होकर फेमस होने वाली हैं। जीवन ने धीरे-धीरे उसे बड़ा कर दिखाया, और घर में पिता व्यापार करते थे जबकि मां घर के काम संभालती थी। उसके दादा आईएएस अफसर थे और परिवार सुखी था, लेकिन इस लड़की के सपने मनाली और हिमाचल की पहाड़ियों से बड़े थे, और वह खुद को चांद की तरह देखती थी।
एक 15 साल की बच्ची जो डीएवी हाईस्कूल में पढ़ रही थी, ने अपने परिवार से बगावत करके चंडीगढ़ चली गई, जहां उसने फैशन इंडस्ट्री में कदम रखा। इस उम्र में उसके रंगीन दुनिया में उसके कदम भी थे, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। वह मॉडलिंग की दुनिया में मेहनत की, लेकिन मेहनत का मोल नहीं मिला, तो फिर किस्मत ने उसे एक्टिंग के दरवाजे का कुंजी दिया।
उसके घुंघराले बाल, पहाड़ी एक्सेंट, और अद्भुत एक्टिंग कौशल ने उसे अनुराग बसु की फिल्म ‘गैंगस्टर’ में कास्ट किया, जिसके बाद वह एक्टिंग की दुनिया के बड़े दरवाजे पर पहुंच गई।
उसके बाद, कंगना ने ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ जैसी फिल्मों में काम किया, जिससे उसका करियर ग्राफ उच्चाईयों की ओर बढ़ा।
हालांकि, उसकी कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त नहीं कर पाई, उसका करियर और उसके बयानों में बदलाव लाने में अब भी दम है।
कंगना ने अपने झोली में नेपोटिज्म के खिलाफ ब्राव लड़ा और आज उनके बयानों और काम के लिए उन्हें श्रेय मिलता है, और वह बॉलीवुड की एक अद्वितीय एक्ट्रेस के रूप में जानी जाती है।