Haryana News: हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों जैसी सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में पहल की है। सरकार द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं को पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि गांवों में बेहतर सुविधाएं दी जा सकें। कोविड संक्रमण काल के दौरान का भी इन संस्थाओं को 1100 करोड़ रुपये जारी किया गया है।
देवेंद्र सिंह बबली रोहतक में अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक के उपरांत जिला परिषद की चेयरपर्सन के कार्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता के फंड के सदुपयोग के लिए व्यवस्था परिवर्तन किया है। ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए जिला अनुसार समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। सरकार द्वारा खंड स्तर तक शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया है ताकि विकास कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करवाया जा सकें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आपसी तालमेल बढ़ाने के निर्देश दिये गए है।
सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 3 हजार नए भवनों का कार्य पूर्ण किया गया है। इनमें ई-लाइब्रेरी, पार्क, व्यायामशाला इत्यादि शामिल है। इसके अलावा शिवधाम योजना के तहत श्मशान घाटों में सुविधाएं, फिरनी इत्यादि को पक्का करने के कार्य भी जारी है। साफ-सफाई के दृष्टिगत भी विशेष कदम उठाये गए है। प्रदेश के 18 हजार तालाबों का सौंदर्यीकरण के लिए चयन किया गया है, जिनमें से 11 हजार तालाबों पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि है। सरकार द्वारा शुरू की गई नई व्यवस्था के तहत धनराशि के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया गया है।
एसवाईएल नहर के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए हरियाणा को उसके हक का पानी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों को शपथ दिलवाकर उनकी जिम्मेवारी का अहसास करवाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में उठाये गए कदमों से आम जनता का सरकार के प्रति विश्वास बहाल हुआ है।
उन्होंने प्रदेश के किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी धान फसल की पराली को आग न लगाएं बल्कि इन फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करें। पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर होती है। प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाये गए है तथा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवाये गये है। किसान पराली को पशुओं के चारे के लिए भी प्रयोग कर सकते है तथा कृषि यंत्रों की मदद से भूमि में मिलाकर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते है। कृषि यंत्रों से पराली की गांठ बनाकर किसान अतिरिक्त आय कमा सकते है तथा सरकार की प्रोत्साहन योजना का लाभ भी उठा सकते है।
इस अवसर पर जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जितेंद्र शर्मा के अलावा ब्लॉक समितियों के चेयरमैन इत्यादि मौजूद रहे।