Haryana News: हरियाणा में पिछले नौ वर्षों से सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का फोकस अब उन बड़े प्रोजेक्ट्स पर है, जो मौजूदा सरकार के समय ही मंजूर हुए हैं। हालांकि खट्टर पार्ट-। में गुरुग्राम में हुए हैपनिंग हरियाणा में 6 लाख करोड़ से अधिक निवेश के एमओयू हुए थे, लेकिन इसमें से अभी तक कोई भी बड़ा प्रोजेक्टस सिरे नहीं चढ़ा है। राहत की बात यह है कि इस अवधि में उद्योग से जुड़े कई अन्य प्रोजेक्ट्स पर सरकार जरूर सफल हुई है।
इन परियोजनाओं को ग्राउंड पर उतारने की तैयारी है, ताकि इनके जरिये जहां प्रदेश में निवेश बढ़े वहीं युवाओं को रोजगार के नये अवसर भी मिले। 36 हजार करोड़ से अधिक की लागत के छह ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिन पर काम शुरू हो चुका है और सरकार की कोशिश है कि आगामी विधानसभा चुनावों तक इन्हें ग्राउंड पर उतारा जा सके। इन परियोजनाओं से राज्य में 50 हजार से अधिक रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से भी व्यापक स्तर पर रोजगार मिल सकेगा।
दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर हरियाणा के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। इस कॉरिडोर का फायदा उठाते हुए सरकार द्वारा नारनौल में 886 एकड़ जमीन पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किया जा रहा है। हालांकि पूर्व की हुड्डा सरकार ने बावल में यह प्रोजेक्ट मंजूर किया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण विवाद के चलते इसे मौजूदा सरकार ने रद्द कर दिया था। बाद में जब नारनौल से जुड़े गांवों के लोग जमीन देने को राजी हुए तो इसे नांगल-चौधरी एरिया में बनाने का निर्णय लिया गया।
700 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 5840 करोड़ रुपये की लागत इस प्रोजेक्ट पर आएगी। यह प्रोजेक्ट सीधे तौर पर 10 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध करवाएगा। हब विकसित होने के बाद आसपास दूसरी गतिविधियां भी होंगी और इनके जरिये भी युवाओं को रोजगार मिल सकेंगे। प्रदेश सरकार इस तरह की परियोजनाओं के लिए लॉजिस्टिक, वेयरहाउसिंग और रिटेल हब में बदलने के लिए लॉजिस्टिक नीति लागू कर चुकी है।
वहीं ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट द्वारा मानेसर के पातली हाजीपुर गांव में 283 एकड़ जमीन पर अपना अभी तक का सबसे बड़ा वेयर हाउसिंग और ट्रांसपोर्ट हब स्थापित किया जा रहा है। इसके पहले चरण में कंपनी 1389 करोड़ रुपये की लागत से 140 एकड़ भूमि पर एशिया का सबसे बड़ा वितरण केंद्र स्थापित कर रही है। इस पर काम शुरू हो चुका है। पहले चरण से ही 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के मौके कंपनी द्वारा मुहैया करवाए जाएंगे।
इतना ही नहीं, फ्लिपकार्ट द्वारा सोनीपत में किरयाणा पूर्ति केंद्र स्थापित किया है। इससे भी 2000 लोगों को रोजगार मिलने के आसार हैं। सोनीपत के खरखौदा स्थित आईएमटी को नेशनल-मैप पर लाने की कोशिश में सरकार कामयाब रही है। मारुति सुजुकी द्वारा आईएमटी में सरकार ने 800 एकड़ जमीन खरीदी जा चुकी है। इस पर मारुति अपना प्लांट स्थापित कर रही है। इस पर काम शुरू किया जा चुका है। मारुति इस प्रोजेक्ट में 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
अकेले मारुति सुजुकी और सुजुकी मोटरसाइकिल से रोजगार के 20 हजार मौके मिलेंगे
सुजुकी मोटरसाइकिल को भी खरखौदा आईएमटी में 100 एकड़ जमीन दी गई है। यहां मोटरसाइकिल का सबसे बड़ा प्लांट स्थापित होगा। सुजुकी द्वारा यहां 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मारुति का यह प्लांट अकेले खरखौदा नहीं बल्कि आसपास के एरिया के विकास में भी कारगर सिद्ध होगा। इससे जुड़ी कई छोटी इकाइयां और कंपनियां भी स्थापित होंगी।
एम्पेरेक्स सोहना में लगा रही उद्योग
मल्टी नेशनल कंपनी – एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड सोहना आईएमटी में 178 एकड़ जमीन पर बड़ा उद्योग स्थापित कर रही है। 7083 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना से कंपनी ने राज्य के 7 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। कंपनी अपने इस उद्योग पर काम शुरू कर चुकी है। इसी तरह से पानीपत में आदित्य बिड़ला समूह द्वारा 70 एकड़ जमीन पर पेंट विनिर्माण सुविधा के लिए औद्योगिक एस्टेट स्थापित किया जा रहा है। 1140 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना 550 लोगों को रोजगार देगी।
केंद्र सरकार को भेजे तीन प्रोजेक्ट
हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने ‘पीएम’ गति शक्ति योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार को छह प्रोजेक्ट भेजे थे। इनमें से तीन को केंद्र सरकार मंजूरी दे चुकी है। बाकी तीन के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। इन परियोजनाओं से भी राज्य में निवेश बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। बड़ी, राई व साहा में स्थापित किए गए तीन फूड पार्क को गति देते हुए सरकार इनमें 563 प्लांट विभिन्न कंपनियों को अलॉट कर चुकी है।